प्रधानमंत्री मोदी जी को सुझाव
नमस्कार प्रधानमंत्री जी।
आप जो कृषि बिल लाये वो एक लिहाज से तो किसानों के लिए बहुत अच्छा है लेकिन दूसरा पहलू देखिये।
उत्तर प्रदेश की बात करते है, सरकार का लक्ष्य 50 लाख टन खरीद का है, भंडारण क्षमता 41 लाख टन, पैदावार 169 लाख टन, दलालो के माध्यम से बिक्री हो जाती थी लेकिन पंजाब और हरियाणा ने अपने राज्यो में रोक लगा दी कि उत्तरप्रदेश से न ले। ऐसे में यहां का आढ़ती जो नगद देकर किसान से खरीद करके बेचता था, उसने खरीद बंद कर दी, सरकार की क्षमता नही सारा धान खरीदने की, अब किसान का धान कोई 12 रुपये में भी नही ले रहा जो पहले 16.50 में बिक रहा था।
एमएसपी 1860 की आपने निर्धारित कर दी, लेकिन कोई अपनी स्वेच्छा से 1650 में भी नही बेच पा रहा, पैदावार के रिकॉर्ड है और खरीद की क्षमता नही है। पंजाब हरियाणा में रोक है जबकि कोई कहीं भी माल अपना बेच सकता है की छूट है। बहुत बड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है, जल्द से जल्द संसोधन करिये अन्यथा सब कुछ बर्बाद हो जाएगा, पहले कोविड19 ने मारा अब जो आशा थी, धंधे से उसे आपने।
कहीं ऐसा न हो कि आपके बनाये हुए विकसित देश के नियम भारत जैसे विकासशील देश पर भारी पड़ जाएं और अगर देश का किसान प्रभावित हुआ जो कि हो रहा है तो कुछ भी सुरक्षित नही।
आंकड़े।
धान के उत्पादन में उत्तर प्रदेश एक बार फिर रेकॉर्ड बनाने जा रहा है। प्रदेश में धान की पैदावार पिछले साल के मुकाबले इस साल और ज्यादा हुई है। पिछले साल यूपी में 159 लाख टन धान पैदा हुआ था, जबकि इस साल उत्पादन 169 लाख टन के पार पहुंच गया।
मौसम और अच्छी बारिश के चलते खरीफ वर्ष 2019-20 में यूपी के किसानों ने पिछले साल से 10 लाख टन धान अधिक पैदा किया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मुताबिक, धान और मोटे अनाज की पैदावार में इस रेकॉर्ड से केंद्रीय फूड बास्केट में उत्तर प्रदेश की भागीदारी और बढ़ेगी।
कृषि मंत्री के मुताबिक, खरीफ की फसलों की कटाई का अंतिम आंकड़ा अभी नहीं आया है। कृषि मंत्री का कहना है कि अंतिम आंकड़ा जब जारी होगा तो । इसमें यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
स्टोरेज की आ सकती है समस्या
खरीफ की फसलों का उत्पादन बढ़ने से यूपी में धान और मोटे अनाज के भंडारण की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के मुताबिक सरकार लगातार प्रदेश में अनाज की भंडारण क्षमता बढ़ा रही है। 2017 में प्रदेश में भंडारण की कुल क्षमता 29 लाख टन के करीब थी। इसे उनकी सरकार ने तीन साल में बढ़ाकर 41 लाख टन से अधिक कर दिया है।
सादर।
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